ऊब के गीत

सुनने के लिए

पता न चल पाने वाली घटना

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ठंड से ठिठुरते उस एक बूढ़े ने
मौसम को कोसा
कुछ गंभीर-गंदी गालियां बक दीं मन-ही-मन

पता न चल पाने वाली एक घटना में
एक छोटा प्यारा बच्चा
अहक-अहक, सुबक-सुबक
सांसे टांग कर रोया
पेराम्बूलेटर में लेटे लेटे
जब उसकी मां दूर थी उससे
उसके लौट आने तलक चुप हो जाता है बच्चा
सुबकन बंद हो जाती है
जैसे कोई सुरीली तान चढ़कर उतर जाती है

पता न चल पाने वाली एक घटना में
उस बदसूरत लड़की को मिल जाता है
एक ब्वॅायफ्रेंड

पता न चल पाने वाली एक घटना में
चिड़िया गीत गाती है बेमौसम
जैसा कहा था माया एंजेलो ने-

‘चिड़िया गाती है क्योंकि उसके पास एक गीत है’

और उसे,
गाने के लिए मौसम की जरूरत नहीं
पतझड़, बरसात, पूस
सबमें उसके गीत
उसी के रहते हैं

हमें बस पता नहीं चल पाता है।

-आदित्य.

Author: Aditya Shukla

My soul is pessimist.

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